जन्मतिथि से जानें शादी कब होगी? ज्योतिष और अंकशास्त्र के रहस्य से विवाह की भविष्यवाणी

जन्मतिथि से शादी कब होगी जानें ज्योतिष और अंकशास्त्र द्वारा
जन्मतिथि से जानें शादी कब होगी – ज्योतिष और अंकशास्त्र के जरिए

शादी हर व्यक्ति के जीवन का एक महत्वपूर्ण और यादगार पड़ाव होता है। यह सिर्फ दो लोगों का मिलन नहीं, बल्कि दो परिवारों का भी संगम है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, हर किसी के मन में यह सवाल उठता है – मेरी शादी कब होगी? जीवनसाथी कैसा मिलेगा? क्या मेरा प्रेम विवाह होगा या माता-पिता की पसंद से? इन सवालों का जवाब अक्सर हम ज्योतिष और अंकशास्त्र जैसी प्राचीन विधाओं में ढूंढते हैं।

आपकी जन्मतिथि, जिसमें आपके जन्म का दिन, महीना और साल छिपा है, आपके भविष्य की कई घटनाओं का संकेत देती है, जिसमें विवाह का समय भी शामिल है। आइए, विस्तार से समझते हैं कि ज्योतिष और अंकशास्त्र के माध्यम से आप अपनी शादी के समय का अनुमान कैसे लगा सकते हैं।

अंकशास्त्र से कैसे जानें शादी का योग?

अंकशास्त्र, यानी न्यूमेरोलॉजी, अंकों का विज्ञान है। इसमें माना जाता है कि हर अंक एक विशेष ऊर्जा और कंपन से जुड़ा होता है जो हमारे जीवन को प्रभावित करता है। आपकी जन्मतिथि के अंकों का विश्लेषण करके विवाह के समय की भविष्यवाणी की जा सकती है। इसके लिए सबसे पहले आपको अपना “भाग्यांक” (Life Path Number) निकालना होगा।

अपना भाग्यांक (Life Path Number) कैसे निकालें?

भाग्यांक निकालना बहुत सरल है। आपको अपनी जन्मतिथि के सभी अंकों को तब तक जोड़ना है, जब तक आपको एक अंक (1 से 9 के बीच) प्राप्त न हो जाए।

उदाहरण:
मान लीजिए, किसी व्यक्ति की जन्मतिथि 12 जनवरी 1990 (12/01/1990) है।

  1. सभी अंकों को जोड़ें: 1 + 2 + 0 + 1 + 1 + 9 + 9 + 0 = 23
  2. प्राप्त योग को फिर से जोड़ें: 2 + 3 = 5

इस व्यक्ति का भाग्यांक 5 है।

भाग्यांक के अनुसार शादी की संभावित आयु

हर भाग्यांक विवाह के लिए एक अलग समय-सीमा का संकेत देता है। हालांकि यह एक अनुमान होता है, पर यह काफी हद तक सटीक पाया गया है:

  • भाग्यांक 1: इन लोगों की शादी 24-26 वर्ष की आयु में होने की संभावना होती है। ये लोग स्वतंत्र विचारों वाले होते हैं और सही साथी मिलने पर ही शादी का फैसला लेते हैं।
  • भाग्यांक 2: इनका विवाह योग 25-28 वर्ष की आयु के बीच बनता है। ये लोग भावनात्मक और देखभाल करने वाले होते हैं।
  • भाग्यांक 3: इन लोगों की शादी अक्सर 28-32 वर्ष की आयु में होती है। ये अपने करियर पर ध्यान केंद्रित करते हैं और उसके बाद ही विवाह के बारे में सोचते हैं।
  • भाग्यांक 4: इनका विवाह 27-30 वर्ष की आयु के आसपास होता है। इन्हें एक स्थिर और सुरक्षित रिश्ता पसंद होता है।
  • भाग्यांक 5: इन लोगों की शादी 30-35 वर्ष की आयु के बीच होने की संभावना होती है। ये लोग साहसी और स्वतंत्र होते हैं और जीवन में स्थिरता आने के बाद ही शादी करते हैं।
  • भाग्यांक 6: इनका विवाह योग 24-28 वर्ष की आयु में बनता है। ये प्रेम और परिवार को बहुत महत्व देते हैं।
  • भाग्यांक 7: इन लोगों की शादी 30 वर्ष की आयु के बाद होती है। ये आध्यात्मिक और गहरे विचारों वाले होते हैं और सही साथी की तलाश में समय लेते हैं।
  • भाग्यांक 8: इनका विवाह 32-36 वर्ष की आयु के बीच हो सकता है। ये लोग महत्वाकांक्षी होते हैं और करियर में सफलता पाने के बाद शादी करते हैं।
  • भाग्यांक 9: इनका विवाह 26-29 वर्ष की आयु के आसपास होता है। ये लोग मानवतावादी और आदर्शवादी होते हैं।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह केवल एक अनुमान है। शादी का समय करियर, व्यक्तिगत लक्ष्य और पारिवारिक परिस्थितियों जैसे अन्य कारकों से भी प्रभावित हो सकता है।

वैदिक ज्योतिष से शादी की भविष्यवाणी

वैदिक ज्योतिष विवाह की भविष्यवाणी के लिए एक अधिक विस्तृत और गहन दृष्टिकोण प्रदान करता है। इसमें आपकी जन्म कुंडली (जन्म-पत्रिका) का विश्लेषण किया जाता है, जो आपके जन्म के समय ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति को दर्शाती है।

विवाह के लिए महत्वपूर्ण भाव (Houses)

कुंडली में 12 भाव होते हैं और हर भाव जीवन के अलग-अलग पहलुओं का प्रतिनिधित्व करता है। विवाह के लिए कुछ भाव विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं:

  • सातवाँ भाव (7th House): यह भाव विवाह, साझेदारी और जीवनसाथी का मुख्य घर माना जाता है। इस भाव में कौन से ग्रह बैठे हैं, इस भाव का स्वामी कौन है और कहाँ स्थित है, यह सब विवाह का समय और प्रकृति तय करता है।
  • दूसरा भाव (2nd House): यह भाव परिवार और कुटुंब का होता है। शादी सिर्फ दो लोगों का नहीं, बल्कि दो परिवारों का मिलन है, इसलिए इस भाव का विश्लेषण भी जरूरी है।
  • ग्यारहवाँ भाव (11th House): यह भाव लाभ, इच्छाओं की पूर्ति और सामाजिक संबंधों का है। इस भाव की मजबूत स्थिति विवाह में सफलता और खुशियों का संकेत देती है।
विवाह के कारक ग्रह

कुछ ग्रह विवाह के समय और प्रकृति को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं:

  • बृहस्पति (Jupiter): महिलाओं की कुंडली में बृहस्पति को पति का कारक माना जाता है। इसकी स्थिति से पता चलता है कि विवाह कब और कैसा होगा।
  • शुक्र (Venus): पुरुषों की कुंडली में शुक्र पत्नी और प्रेम संबंधों का कारक है। यह ग्रह विवाह के सुख और समय को प्रभावित करता है।
  • मंगल (Mars): मंगल ग्रह ऊर्जा और जुनून का प्रतीक है। कुंडली में इसकी स्थिति मंगलिक दोष का निर्धारण करती है, जो विवाह में देरी या बाधाओं का कारण बन सकता है।
  • राहु और शनि: इन ग्रहों का सातवें भाव पर प्रभाव अक्सर विवाह में देरी का कारण बनता है। शनि का प्रभाव होने पर शादी 27-30 वर्ष की आयु के बाद हो सकती है।
ग्रह दशा और गोचर से विवाह का समय

ज्योतिष में विवाह का सटीक समय जानने के लिए “विमशोत्तरी दशा” और ग्रहों के “गोचर” (Transit) का विश्लेषण किया जाता है।

  • दशा: जब आपकी कुंडली में सातवें भाव के स्वामी, शुक्र या बृहस्पति की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो, तो विवाह का प्रबल योग बनता है।
  • गोचर: जब बृहस्पति और शनि का गोचर आपकी कुंडली के सातवें भाव या उसके स्वामी पर होता है, तो वह समय शादी के लिए शुभ माना जाता है। इन दोनों ग्रहों का दोहरा गोचर विवाह की घटना को निश्चित करता है।
कुंडली के अनुसार घर से कितनी दूर होगी शादी?

आपकी कुंडली यह भी संकेत दे सकती है कि आपका विवाह घर से कितनी दूरी पर होगा:

  • वृषभ, सिंह, वृश्चिक, कुंभ राशि: यदि सातवें भाव में ये स्थिर राशियाँ हैं, तो शादी घर से 90-100 किलोमीटर के दायरे में हो सकती है।
  • मेष, कर्क, तुला, मकर राशि: यदि सातवें भाव में ये चर राशियाँ हैं, तो शादी घर से 200 किलोमीटर या उससे अधिक दूरी पर हो सकती है।
  • मिथुन, कन्या, धनु, मीन राशि: यदि सातवें भाव में ये द्विस्वभाव राशियाँ हैं, तो शादी घर से 80-100 किलोमीटर के दायरे में हो सकती है।

निष्कर्ष

अंकशास्त्र और वैदिक ज्योतिष दोनों ही आपकी जन्मतिथि के आधार पर विवाह के समय की भविष्यवाणी करने के लिए शक्तिशाली उपकरण हैं। अंकशास्त्र एक सरल और त्वरित अनुमान प्रदान करता है, जबकि ज्योतिष एक गहरा और विस्तृत विश्लेषण देता है।

यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि ये केवल मार्गदर्शन के लिए हैं और अंतिम निर्णय आपके हाथ में होता है। ज्योतिष और अंकशास्त्र आपको सही समय और संभावनाओं के बारे में सूचित कर सकते हैं, लेकिन एक सुखी और सफल विवाह के लिए आपसी समझ, प्रेम और सम्मान सबसे जरूरी है। यदि आप अपने विवाह को लेकर चिंतित हैं, तो किसी अनुभवी ज्योतिषी या अंकशास्त्री से परामर्श लेना एक बेहतर कदम हो सकता है।

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