
वैदिक ज्योतिष में ग्रहों की स्थिति का मानव जीवन पर गहरा प्रभाव माना जाता है। कुछ ग्रह योग जहाँ व्यक्ति को सफलता और सुख प्रदान करते हैं, वहीं कुछ दोष जीवन में कई तरह की परेशानियाँ खड़ी कर सकते हैं। इन्हीं में से एक प्रमुख दोष है “मंगल दोष” या “मांगलिक दोष”। यह दोष विशेष रूप से वैवाहिक जीवन को प्रभावित करता है, जिससे कई लोग चिंतित रहते हैं।
सौभाग्य से, ज्योतिष शास्त्र में इस दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए प्रभावी उपाय भी बताए गए हैं, जिनमें सबसे प्रमुख है मंगल दोष निवारण पूजा। यह पूजा न केवल वैवाहिक बाधाओं को दूर करती है, बल्कि जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी सकारात्मक बदलाव लाती है। आइए, इस पूजा के फायदों को विस्तार से समझते हैं।
मंगल दोष क्या है और यह जीवन को कैसे प्रभावित करता है?
जब किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में मंगल ग्रह कुछ विशेष भावों में स्थित होता है, तो मंगल दोष का निर्माण होता है। ज्योतिष के अनुसार, यदि मंगल ग्रह कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में हो, तो व्यक्ति मांगलिक कहलाता है।
मंगल ग्रह को ऊर्जा, साहस, क्रोध और पराक्रम का कारक माना जाता है। जब यह ग्रह अशुभ स्थिति में होता है, तो इसके नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं:
- विवाह में देरी: मांगलिक व्यक्तियों के विवाह में अक्सर अनावश्यक देरी या बाधाएं आती हैं।
- वैवाहिक जीवन में तनाव: पति-पत्नी के बीच लगातार झगड़े, गलतफहमियां और मनमुटाव बना रहता है।
- स्वास्थ्य समस्याएं: यह दोष रक्त संबंधी बीमारियों, दुर्घटनाओं और मानसिक तनाव का कारण बन सकता है।
- करियर और आर्थिक अस्थिरता: कार्यक्षेत्र में रुकावटें, कर्ज की समस्या और आर्थिक तंगी जैसी परेशानियाँ भी मंगल दोष के कारण हो सकती हैं।
क्यों जरूरी है मंगल दोष निवारण पूजा?
मंगल दोष निवारण पूजा एक शक्तिशाली वैदिक अनुष्ठान है जिसका मुख्य उद्देश्य मंगल ग्रह के अशुभ प्रभावों को शांत करना और उनकी सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाना है। यह पूजा मंगल ग्रह को प्रसन्न करने के लिए की जाती है, ताकि व्यक्ति के जीवन से नकारात्मकता दूर हो और सुख-समृद्धि का आगमन हो। यह सिर्फ एक धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक उपाय है जो व्यक्ति की ऊर्जा को संतुलित करने में मदद करता है।
मंगल दोष निवारण पूजा के अद्भुत फायदे
यह पूजा व्यक्ति के जीवन पर बहुआयामी सकारात्मक प्रभाव डालती है। इसके प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:
1. सुखी वैवाहिक जीवन की प्राप्ति
मंगल दोष का सबसे अधिक प्रभाव वैवाहिक जीवन पर पड़ता है। यह पूजा इस क्षेत्र में चमत्कारिक लाभ प्रदान करती है:
- विवाह की बाधाएं दूर होती हैं: जिन लोगों के विवाह में देरी हो रही है, उनके लिए यह पूजा शीघ्र और योग्य जीवनसाथी पाने में मदद करती है।
- दांपत्य जीवन में मधुरता: पति-पत्नी के बीच आपसी समझ, प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है। तनाव और झगड़े कम होते हैं।
- संतान सुख में सहायक: यदि मंगल दोष के कारण संतान प्राप्ति में बाधा आ रही है, तो यह पूजा उस बाधा को दूर करने में भी सहायक होती है।
2. आर्थिक स्थिरता और समृद्धि
यह पूजा वित्तीय समस्याओं को हल करने में बहुत प्रभावी है:
- कर्ज से मुक्ति: यह पूजा धीरे-धीरे कर्ज और अन्य वित्तीय बोझ को कम करने में मदद करती है।
- व्यापार और नौकरी में तरक्की: करियर में आ रही रुकावटें दूर होती हैं, पदोन्नति के अवसर मिलते हैं और व्यापार में वृद्धि होती है।
- धन की बचत: अनावश्यक खर्चों पर नियंत्रण होता है और व्यक्ति आर्थिक रूप से स्थिर बनता है।
3. बेहतर स्वास्थ्य और मानसिक शांति
मंगल ग्रह का संबंध शारीरिक ऊर्जा और मानसिक स्थिति से भी है।
- शारीरिक रोगों से बचाव: यह पूजा रक्तचाप, दुर्घटना और चोट जैसी समस्याओं से रक्षा करती है।
- मानसिक तनाव में कमी: क्रोध, चिंता, आक्रामकता और अवसाद जैसे नकारात्मक भावों पर नियंत्रण पाने में मदद मिलती है, जिससे मानसिक शांति प्राप्त होती है।
- आत्मविश्वास में वृद्धि: व्यक्ति के अंदर साहस और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
4. पारिवारिक और सामाजिक जीवन में सुधार
- पारिवारिक एकता: परिवार के सदस्यों, विशेषकर भाई-बहनों के साथ संबंधों में सुधार होता है।
- सामाजिक सम्मान: समाज में व्यक्ति की प्रतिष्ठा और मान-सम्मान में वृद्धि होती है।
पूजा की विधि क्या है?
मंगल दोष निवारण पूजा एक विस्तृत प्रक्रिया है जिसे अनुभवी पंडितों द्वारा ही संपन्न कराया जाना चाहिए। इसमें मुख्य रूप से निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं:
- संकल्प: पूजा शुरू करने से पहले जातक (जिसके लिए पूजा हो रही है) के नाम, गोत्र और उद्देश्य के साथ संकल्प लिया जाता है।
- मंत्र जाप: मंगल ग्रह के बीज मंत्र “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” का निर्धारित संख्या में जाप किया जाता है।
- हवन (होम): मंत्र जाप के बाद घी, तिल, जौ और अन्य पवित्र सामग्रियों के साथ मंगल ग्रह की शांति के लिए हवन किया जाता है।
- भात पूजा: शिवलिंग रूपी मंगल देव को पके हुए चावल (भात) से स्नान कराया जाता है।
- दान: पूजा के अंत में पंडितों को दक्षिणा और गरीबों को लाल वस्तुएं जैसे मसूर दाल, गुड़, तांबा आदि का दान किया जाता है।
उज्जैन का मंगलनाथ मंदिर क्यों है खास?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, उज्जैन को मंगल ग्रह का जन्म स्थान माना जाता है। यहाँ स्थित मंगलनाथ मंदिर मंगल दोष निवारण पूजा के लिए विश्वभर में सबसे पवित्र और सिद्ध स्थल है। ऐसा माना जाता है कि कर्क रेखा इस मंदिर के ऊपर से होकर गुजरती है, जिससे यहाँ की गई पूजा का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। शिप्रा नदी के तट पर स्थित इस मंदिर में भात पूजा कराने से मंगल के अशुभ प्रभाव शीघ्र ही शांत हो जाते हैं।
वास्तविक जीवन पर प्रभाव: एक अनुभव
मुंबई के एक युवा जोड़े, राजेश और अंजलि, शादी के कई सालों बाद भी निरंतर कलह और आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे थे। ज्योतिषीय परामर्श लेने पर पता चला कि राजेश की कुंडली में तीव्र मांगलिक दोष है। उन्होंने उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में विधि-विधान से मंगल दोष निवारण पूजा करवाई। कुछ ही महीनों में उनके जीवन में अविश्वसनीय बदलाव आया। उनके रिश्ते में मधुरता लौट आई, राजेश को नौकरी में तरक्की मिली और उनकी आर्थिक स्थिति भी सुधर गई। यह अनुभव इस पूजा की शक्ति का एक जीवंत प्रमाण है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: मंगल दोष पूजा में कितना समय लगता है?
उत्तर: यह पूजा आमतौर पर एक दिन में संपन्न हो जाती है, जिसमें लगभग 5-6 घंटे का समय लगता है।
प्रश्न 2: क्या पूजा के लिए शारीरिक रूप से उपस्थित होना आवश्यक है?
उत्तर: नहीं, यदि आप किसी कारणवश उपस्थित नहीं हो सकते, तो आपके नाम और गोत्र से संकल्प लेकर पंडित जी आपकी अनुपस्थिति में भी यह पूजा संपन्न कर सकते हैं। आप वीडियो कॉल के माध्यम से पूजा में शामिल हो सकते हैं।
प्रश्न 3: इस पूजा में कितना खर्च आता है?
उत्तर: पूजा का खर्च पंडितों की संख्या, पूजा की सामग्री और स्थान के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। इसकी जानकारी आप संबंधित पंडित या संस्था से प्राप्त कर सकते हैं।
प्रश्न 4: क्या यह पूजा कोई भी कर सकता है?
उत्तर: यह पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जिनकी कुंडली में मंगल दोष होता है। पूजा से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से कुंडली का विश्लेषण करवाना आवश्यक है।
अंत में, मंगल दोष निवारण पूजा केवल एक उपाय नहीं, बल्कि एक श्रद्धा और विश्वास की प्रक्रिया है। यदि सही विधि और सच्ची निष्ठा से की जाए, तो यह पूजा जीवन की अनेक बाधाओं को दूर कर सुख, शांति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।
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